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Saugandh Mujhe Is Mitti Ki Lyrics - PM Narendra Modi

Saugandh Mujhe Is Mitti Ki Lyrics - PM Narendra Modi संक्षिप्त जानकारी - 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की' इस गीत के बोल फिल्म पी. एम. नरेंद्र मोदी से लिए गए है। गीतकार प्रसून जोशी के इस गीत को सुखविंदर सिंह और शशि सुमन ने गाया है। और संगीत शशि-ख़ुशी द्वारा दिया गया है। पी एम् नरेंद्र मोदी जी की शीर्ष भूमिका अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने साकार की है। सौगंध मुझे इस मिट्टी की गीत के बोल हिंदी में सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा ये देश नही मिटने दूँगा ये देश नही झुकने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा मैं देश नही मिटने दूँगा मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज़ चुकाओगे मेरा अंबर मुझसे पूछ रहा कब अपना धर्म निभाओगे मैने वचन दिया भारत माँ को वचन दिया भारत माँ को तेरा शीश नही झुकने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा ये देश नही मिटने दूँगा ये देश नही झुकने दूँगा वो जीतने अँधेरे लाएँगे मैं उतने उजाले लाऊँगा वो जितनी रात बढ़ाएँगे मैं उतने सूरज उगाऊँगा इस छल फरेब की आँधी में छल फरेब की आँधी में ये दीप नही बुझने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश

Dard Minnat-Kash-e-Dava Na Hua - Mirza Ghalib

Dard Minnat-Kash-e-Dava Na Hua - Mirza Ghalib दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ जम्अ करते हो क्यूँ रक़ीबों को इक तमाशा हुआ गिला न हुआ हम कहाँ क़िस्मत आज़माने जाएँ तू ही जब ख़ंजर-आज़मा न हुआ कितने शीरीं हैं तेरे लब कि रक़ीब गालियाँ खा के बे-मज़ा न हुआ है ख़बर गर्म उन के आने की आज ही घर में बोरिया न हुआ क्या वो नमरूद की ख़ुदाई थी बंदगी में मिरा भला न हुआ जान दी दी हुई उसी की थी हक़ तो यूँ है कि हक़ अदा न हुआ ज़ख़्म गर दब गया लहू न थमा काम गर रुक गया रवा न हुआ रहज़नी है कि दिल-सितानी है ले के दिल दिल-सिताँ रवाना हुआ कुछ तो पढ़िए कि लोग कहते हैं आज 'ग़ालिब' ग़ज़ल-सरा न हुआ - मिर्ज़ा ग़ालिब Dard Minnat-Kash-e-Dava Na Hua Lyrics In English Dard minnat-kash-e-dava na hua Main na achchha hua bura na hua Jam karate ho kyun raqibo ko Ek tamasha hua gila na hua Hum kahan qismat aazamane jayen Tu hi jab khanjar-aazama na hua Kitane sheerin hain tere lab ki raqeeb Gaaliyan kha ke be-maza na hua Hai khabar garm un ke aane ki Aaj hi ghar mein bor

Aah Ko Chahiye Ek Umra Asar Hote Tak - Mirza Ghalib

Aah Ko Chahiye Ek Umra Asar Hote Tak - Mirza Ghalib आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक परतव-ए-ख़ुर से है शबनम को फ़ना की ता'लीम मैं भी हूँ एक इनायत की नज़र होते तक यक नज़र बेश नहीं फ़ुर्सत-ए-हस्ती ग़ाफ़िल गर्मी-ए-बज़्म है इक रक़्स-ए-शरर होते तक ग़म-ए-हस्ती का 'असद' किस से हो जुज़ मर्ग इलाज शम्अ हर रंग में जलती है सहर होते तक ईमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र काबा मिरे पीछे है कलीसा मिरे आगे आशिक़ हूँ प माशूक़-फ़रेबी है मिरा काम मजनूँ को बुरा कहती है लैला मिरे आगे ख़ुश होते हैं पर वस्ल में यूँ मर नहीं जाते आई शब-ए-हिज्राँ की तमन्ना मिरे आगे है मौजज़न इक क़ुल्ज़ुम-ए-ख़ूँ काश यही हो आता है अभी देखिए क्या क्या मिरे आगे गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है रहने दो अभी स

Mat Puchh Ki Kya Haal Hai Mera Tire Pichhe - Mirza Ghalib

Mat Puchh Ki Kya Haal Hai Mera Tire Pichhe - Mirza Ghalib बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे इक खेल है औरंग-ए-सुलैमाँ मिरे नज़दीक इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मिरे आगे जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर जुज़ वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया मिरे आगे होता है निहाँ गर्द में सहरा मिरे होते घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मिरे आगे मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तिरे पीछे तू देख कि क्या रंग है तेरा मिरे आगे सच कहते हो ख़ुद-बीन ओ ख़ुद-आरा हूँ न क्यूँ हूँ बैठा है बुत-ए-आइना-सीमा मिरे आगे फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ़्शानी-ए-गुफ़्तार रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा मिरे आगे नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा क्यूँकर कहूँ लो नाम न उन का मिरे आगे - मिर्ज़ा ग़ालिब Bazicha-E-Atfaal Hai Duniya Mire Aage Lyrics In English Bazicha-e-atfaal hai duniya mire aage Hota hai shab-o-roz tamasha mire aage Ik khel hai aurang-e-sulaiman mire nazadik Ik baat hai ejaaz-e-masiha mire aage Juz naam nahin surat-e-aalam mujhe manzur Juz vaham nahin hasti-e-ashiya mire a

Hazaron Khwahishen Aisi Ki Har Khwahish Pe Dam Nikle - Mirza Ghalib Ghazal

Hazaron Khwahishen Aisi Ki Har Khwahish Pe Dam Nikle - Mirza Ghalib हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उस की गर्दन पर वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले भरम खुल जाए ज़ालिम तेरे क़ामत की दराज़ी का अगर इस तुर्रा-ए-पुर-पेच-ओ-ख़म का पेच-ओ-ख़म निकले मगर लिखवाए कोई उस को ख़त तो हम से लिखवाए हुई सुब्ह और घर से कान पर रख कर क़लम निकले हुई इस दौर में मंसूब मुझ से बादा-आशामी फिर आया वो ज़माना जो जहाँ में जाम-ए-जम निकले हुई जिन से तवक़्क़ो' ख़स्तगी की दाद पाने की वो हम से भी ज़ियादा ख़स्ता-ए-तेग़-ए-सितम निकले मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइ'ज़ पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले - मिर्ज़ा ग़ालिब Hazaron Khwahishen Aisi Ki Har Khwahish

Har Ek Baat Pe Kahate Ho Tum Ki Tu Kya Hai - Mirza Ghalib

Har Ek Baat Pe Kahate Ho Tum Ki Tu Kya Hai  - Mirza Ghalib हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है न शोले में ये करिश्मा न बर्क़ में ये अदा कोई बताओ कि वो शोख़-ए-तुंद-ख़ू क्या है ये रश्क है कि वो होता है हम-सुख़न तुम से वगर्ना ख़ौफ़-ए-बद-आमोज़ी-ए-अदू क्या है चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन हमारे जैब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तुजू क्या है रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बहिश्त अज़ीज़ सिवाए बादा-ए-गुलफ़ाम-ए-मुश्क-बू क्या है पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो-चार ये शीशा ओ क़दह ओ कूज़ा ओ सुबू क्या है रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी तो किस उमीद पे कहिए कि आरज़ू क्या है हुआ है शह का मुसाहिब फिरे है इतराता वगर्ना शहर में 'ग़ालिब' की आबरू क्या है - मिर्ज़ा ग़ालिब Har Ek Baat Pe Kahate Ho Lyrics In English Har ek baat pe kahate ho tum ki tu kya hai Tumheen kaho ki ye

Lag Ja Gale Lyics - Lata Mangeshkar लग जा गले गीत के बोल

Lag Ja Gale Lyics - Lata Mangeshkar - Wo Kaun Thi लग जा गले गीत के बोल हिंदी में Lag Ja Gale Lyric लग जा गले ~~~ हं~ हं~~  हसीं रात~~~ हं~ हं~~ लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~  हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से~~ हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से~  जी भर के देख लीजिए  हमको क़रीब से~~  फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो~~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~  पास आइये के हम नहीं आएंगे बार-बार~  पास आइये के हम नहीं आएंगे बार-बार~~  बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार~  आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो~~~ शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~ लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~~ शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~    गीत - लग जा गले   गीतकार - राजा मेहंदी अली खान गायक - लता मंगेशकर मूवी  - वो कौन थी (1964) अभिनाय  - मनोज कुमार, साधना, हेलेन, प्रेम चोपड़ा, के.एन.सिंह, मोहन

Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee

Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee गीत नहीं गाता हूं के बोल हिंदी में बेनकाब चेहरे हैं दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं गीत नहीं गाता हूं ~~~ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं गीत नहीं गाता हूं~~~ पीठ मे छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं गीत नहीं गाता हूं~~~ - अटल बिहारी वाजपेयी हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा - अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया जलाएँ लिरिक्स  Geet Nahi Gata Hoon Lyrics In English Benakab chehare hain,  Daag bade gahare hain Tootata tilism aaj Sach se bhay khaata hoon Geet nahi gata hoon~~~ Lagi kuchh aisi nazar Bikhara sheeshe sa shahar Apano ke mele mein Meet nahin pata hoon Geet nahi gata hoon~~~ Pith me chhuri sa chand Rahu gaya rekha phand Mukti ke kshano mein Baar baar bandh jaata hoon Geet nahi gata hoon~~~  - Atal Bihari Vajpayee

Haar Nahi Manunga Rar Nahi Thanunga Lyrics - Atal Bihari Vajpayee

हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा - अटल बिहारी वाजपेयी गीत नया गाता हूं के बोल हिंदी में टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची में अरुणिम की रेख देख पता हूं गीत नया गाता हूं ~~~ टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी हार नहीं मानूंगा रार नहीं ठानूंगा काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं गीत नया गाता हूं ~~~ - अटल बिहारी वाजपेयी Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee आओ फिर से दिया जलाएँ लिरिक्स  Geet Naya Gata Hoon Lyrics In English Toote hue taaron se phute basanti swar Patthar ki chhati me oog aaya nav ankur Jhare sab pile paat koyal ki kuhuk raat Prachi mein arunim ki rekh dekh pata hoon Geet naya gata hoon ~~~ Toote hue sapnon ki kaun sune sisaki Antar ki cheer vyatha palakon par thithaki Haar nahi manunga rar nahi thanunga Kaal ke kapal pe likhata mitata hoon Geet naya gata hoon ~~~ - Atal Bihari Vajpayee

Hum Kaale Hai To Kya Hua Lyrics Gumnaam

Hum Kaale Hai To Kya Hua Lyrics Gumnaam हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं लिरिक्स हिंदी में खयालो में~   खयालो में~~  खयालो में~~~ खयालो में~~~~  जय हंगामा~ कहा भाग रही तु में  क्या हुआ~   काले से डर गयी क्या? हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं ~  हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं  हम तेरे~ तेरे~ तेरे चाहने वाले हैं हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं ~  हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं  हम तेरे~ तेरे~ तेरे चाहने वाले हैं हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं ~~  ये गोरे गालां तंदाना, ये रेशमी बालां तंदाना ये सोला साला तंदाना, है तेरे ख़यालां तंदाना ये गोरे गालां तंदाना, ये रेशमी बालां तंदाना ये सोला साला तंदाना, है तेरे ख़यालां तंदाना हम तेरे~ तेरे~ तेरे चाहने वाले हैं हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं ~  हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं  हम तेरे~ तेरे~ तेरे चाहने वाले हैं हम काले हैं तो क्या हुवा दिलवाले हैं ~~ तुम्ही किधर को जातय तंदाना,  क्यूँ पास ना आतय तंदाना क्या मार ये बाता तंदाना,  दिल तोड ये धाता तंदाना तुम्ही किधर को जातय तंदाना,  क्यूँ पास ना आतय तंदाना क्या

Hai Preet Jahan Ki Reet Sada Lyrics है प्रीत जहाँ की रीत सदा

है प्रीत जहाँ की रीत सदा लिरिक्स इन हिंदी जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने भारत ने मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आयी तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलायी देता ना दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था धरती और चाँद की दूरी का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था सभ्यता जहाँ पहले आयी सभ्यता जहाँ पहले आयी पहले जनमी है जहाँ पे कला अपना भारत वो भारत है जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े बढ़ता ही रहे और फूले-फले बढ़ता ही रहे और फूले-फले चुप क्यों हो गए... और सुनाओ  ओ हो ~~ हो हो ~~ ओ हो ~~ हो हो ~~ ओ हो ~~ हो हो ~~ है प्रीत जहाँ की रीत सदा~~~ है प्रीत जहाँ की रीत सदा~~~ है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा~~~ ओ हो ~~ हो हो ~~ ओ हो ~~ हो हो ~~  ओ हो ~~ हो हो ~~ हो हो ~~ काले-गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है~~~ कुछ और न आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है~~~ जिसे मान चुकी सारी दुनिया हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया मैं बात... मैं बात वो ही दोहराता हूँ~~ भार

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics - Ramneek

राहत इंदौरी को उन्ही की भाषा में विनम्र जवाब - किसीके बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है के लिए --- राहत इंदौरी जी ने जो बातें छुपे तरीके से अपनी ग़ज़ल में किये है  उनको इससे अच्छा जवाब हो ही नहीं सकता। ...  आपकी क्या राय हैं कमेंट में जरूर बताये। ...   Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics - Ramneek किसीके बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है लिरिक्स  खफा होते है हो जाने दो, घर के मेहमान थोड़ी है जहाँ भर से लताड़े जा चुके है, इनका मान थोड़ी है ये कृष्ण-राम की धरती, सजदा करना ही होगा मेरा वतन ये मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़ी है मैं जानता हूँ, घर में बन चुके है सैकड़ों भेदी जो सिक्कों में बिक जाए वो मेरा ईमान थोड़ी है मेरे पुरखों ने सींचा है इसे लहू के कतरे कतरे से बहुत बांटा मगर अब बस, खैरात थोड़ी है जो रहजन थे उन्हें हाकिम बना कर उम्र भर पूजा मगर अब हम भी सच्चाई से अनजान थोड़ी है ? बहुत लूटा फिरंगी तो कभी बाबर के पूतों ने ये मेरा घर है मेरी जाँ, मुफ्त की सराय थोड़ी है आप (राहत इंदौरी) मेरे पसंदीदा शायर थे, होंगे पर मुल्क़ से बढ़कर थोड़ी हैं!!! वंदे मातरम... जय हिंद...! - रमणीक Kisi Ke Baap Ka Hindusta

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics – Rahat Indori

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics – Rahat Indori किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है लिरिक्स इन हिंदी  अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है ये सब धुँआ है, कोई आसमान थोड़ी है लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द्द में यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है मैं जानता हूँ की दुश्मन भी कम नहीं... लेकिन हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है हमारे मुंह में तुम्हारी जुबां थोड़ी है जो आज साहिब-इ-मसनद है कल नहीं होंगे किराएदार है जाती मकान थोड़ी है सभी का खून है शामिल यहाँ की मिटटी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है - राहत इंदौरी ♦ ♦♦♦♦♦♦♦♦ Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics in English Agar khilaaf hai hone do jaan thodi hain Ye sab dhua hai koi aasman thodi hain Lagegi aag to aayege ghar kai jad me Yaha pe sirf hamara makan thodi hain Hamare muh se jo nikle wahi sadaqat hain Hamare muh me tumhari zuban thodi hain Mai jaanta hu ke dushman bhi kam nahi lekin Hamari tarh hatheli pe jaan thodi hain Jo aaj sahib-e-masnand hai kal nahi hoge Kirayedaar hai jati makan thod

Zaroorat Hai Zaroorat Hai Ek Shrimati Ki Lyrics - Kishor Kumar

Zaroorat Hai Zaroorat Hai Ek Shrimati Ki -  Kishor Kumar ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की लिरिक्स इन हिंदी ज़रूरत है ज़रूरत है,  सख़्त ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है हसीं हज़ारों भी हों खड़े,  मगर उसी पर नज़र पड़े हसीं हज़ारों भी हों खड़े,  मगर उसी पर नज़र पड़े हो ज़ुल्फ़ गालों से खेलती,  के जैसे दिन रात से लड़े हो हो हो हो अदाओं में बहार हो,  निगाहों पे खुमार हो क़ुबूल मेरा प्यार हो तो क्या बात है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है झटक के गेसू जहाँ चले,  तो साथ में आसमाँ चले झटक के गेसू जहाँ चले,  तो साथ में आसमाँ चले लिपट के कितने भी पाँव से,  यह पूछते हो कहाँ चले हो हो हो हो प्यार से जो काम ले,  हँस के सलाम ले वो हाथ मेरा थम ले,  तो क्या बात है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है इतर में सांसें बसी बसी,  वो मस्तियों में