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Ek Sawli Si Ladki Ek Bawli Si Ladki Lyrics Anjum Rahbar

एक सांवली सी लाडकी लिरिक्स हिंदी  एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी कच्ची  है उम्र जीस की कुच दिन से जान जीस की चाहत मे खो गइ है दीवानी हो  गइ  है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी क्या जाने ख्वाब किसका आँखों में है संभाले कुछ सोचती है शब भर मुँह पर लीहाफ डाले  घर वाले सोचते हैं जल्दी से सो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी सुध बुध नही है खुद की सुध बुध  नही है  घर की हर दिन बदल रही है कुरती नये कलर की बेरंग ओढ़नी भी   रंगीन हो गयी है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी ओ ध्यान ही ना देगी  क्या कह रही है टीचर इक नाम उंगलियों से लिखती रहेगी दिनभर कुछ भी न पढ सकेगी स्कूल तो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी खिडकी से झांकती है मां से नजर बचाकर बेचैन हो राही है क्यूँ घर की छत पे जाकर क्या ढूंढती जाने क्या चिज खो गइ है   एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी नानी से अब कहनी सुनती कभी नही है  गुड़ियों से, तितलियों से अब दोस्ती नहीं है नजुक कली भी अंजुम गुलनार हो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी कवयित्री - अंजुम रहबर  🎵🎵🎵💞💞💞🎵🎵🎵 Ek Sawli Si Ladki Lyri