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Lag Ja Gale Lyics - Lata Mangeshkar लग जा गले गीत के बोल

Lag Ja Gale Lyics - Lata Mangeshkar - Wo Kaun Thi लग जा गले गीत के बोल हिंदी में Lag Ja Gale Lyric लग जा गले ~~~ हं~ हं~~  हसीं रात~~~ हं~ हं~~ लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~  हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से~~ हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से~  जी भर के देख लीजिए  हमको क़रीब से~~  फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो~~~  शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~  पास आइये के हम नहीं आएंगे बार-बार~  पास आइये के हम नहीं आएंगे बार-बार~~  बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार~  आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो~~~ शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~ लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो~~~ शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो~~~  लग जा गले ~~ ए ~ ए ~ ~    गीत - लग जा गले   गीतकार - राजा मेहंदी अली खान गायक - लता मंगेशकर मूवी  - वो कौन थी (1964) अभिनाय  - मनोज कुमार, साधना, हेलेन, प्रेम चोपड़ा, के.एन.सिंह, मोहन

Zaroorat Hai Zaroorat Hai Ek Shrimati Ki Lyrics - Kishor Kumar

Zaroorat Hai Zaroorat Hai Ek Shrimati Ki -  Kishor Kumar ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की लिरिक्स इन हिंदी ज़रूरत है ज़रूरत है,  सख़्त ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है हसीं हज़ारों भी हों खड़े,  मगर उसी पर नज़र पड़े हसीं हज़ारों भी हों खड़े,  मगर उसी पर नज़र पड़े हो ज़ुल्फ़ गालों से खेलती,  के जैसे दिन रात से लड़े हो हो हो हो अदाओं में बहार हो,  निगाहों पे खुमार हो क़ुबूल मेरा प्यार हो तो क्या बात है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है झटक के गेसू जहाँ चले,  तो साथ में आसमाँ चले झटक के गेसू जहाँ चले,  तो साथ में आसमाँ चले लिपट के कितने भी पाँव से,  यह पूछते हो कहाँ चले हो हो हो हो प्यार से जो काम ले,  हँस के सलाम ले वो हाथ मेरा थम ले,  तो क्या बात है ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है एक श्रीमती की,  कलावती की,  सेवा करे जो पति की ज़रूरत है ज़रूरत है ज़रूरत है इतर में सांसें बसी बसी,  वो मस्तियों में