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कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये

कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये, तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये, अजब हालत हुए की दिल का सौदा हो गया, मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलम हो जाये, मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा, क्योंकि नहीं चाहता कोई मेरे लिए बदनाम हो जाये, उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो, जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाये |

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे !

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे  , मत सोचना हम आपको भूल जायेंगे , बस एक बार आसमान के तरफ देखना , मेरे पैगाम सितारों पर लिखे नज़र आएंगे …

मरने पे मजबूर कर देती है

ये इसक ही येशी चीज ही जो गम भर देती है, जीने तो देती नहीं मरने पे मजबूर कर देती है.

हसरत है आपको पाने की

हसरत है आपको पाने की , और कोई ख्वाहिस नहीं इस दीवाने की सिकवा तुम से नहीं खुद से है, क्या जरुरत थी आपको इतना खूबसूरत बनाने की. , और कोई ख्वाहिस नहीं इस दीवाने की सिकवा तुम से नहीं खुद से है, क्या जरुरत थी आपको इतना खूबसूरत बनाने की.

हम तोह दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं

गुनाह करके सजा से डरते है ज़हर पी के दवा से डरते है दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हम तोह दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं,

एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए

काफी है सपने दिल को बहलाने के लिए, मोहब्बत करलो दिल को दुखाने के लिए, चाहे भले रखना पड़े गम से वास्ता एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए !

किसी को मेरी मौत से खुशी मिल जाए...तो क्या बात हो

किताबो के पन्नों को पलट के सोचता हूँ, यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात हो ख्वाबो में जो रोज़-रोज़ मिलती है हकीकत में मिल जाए, तो क्या बात हो मतलब के लिए तो सब ढूँढ़ते हैं मुझको बिन मतलब के जो पास आये कोई...तो क्या बात हो कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा कोई बातों से ले जाए तो क्या बात हो जिंदा रहने तक ख़ुशी दूँगा सबको किसी को मेरी मौत से खुशी मिल जाए...तो क्या बात हो !

हमरा चेहरा याद आयेगा

अंदाज़ निगाहों के जुबां पे आयेगा, उस दिन तुम्हे चेहरा हमरा याद आयेगा पछताओगे तुम उस दिन, जिस दिन ये हमसफ़र जहाँ से चला जायेगा!!

तेरी याद को दिल से लगा के रोया

कभी दिल तो कभी शम्मा जला के रोया, तेरी याद को दिल से लगा के रोया, रात की आगोश में जब सो गई सारी दुनिया, ए सनम चाँद को तेरी तस्वीर बना के रोया.!

कफ़न की ख़ामोशी को शमसान क्या जाने

कफ़न की ख़ामोशी को शमसान क्या जाने, महकते हुए चमन को वीरान क्या जाने, क्यों बरसती है ये बदनसीब आखें, इन आंसुओ की कीमत रेगिस्तान क्या जाने.