मन का रावण (Mann Ka Ravan) A Hindi Kavita song with a message of Dussehra that we all must conquer our the evils residing in us to have a better self,society,nation and the world. Happy Dussehra to all. मन का रावण बुरा करो तो धीरे-धीरे बढ़ता है, राम मिटा दो जीवन से तो ये फिर सर चढ़ता है। Mann Ka Ravan Bura Karo To Dhire-Dhire Badta Hai, Ram Mita Do Jivan Se To Ye Phir Sar Jadta Hai. इसकी ताकत है बुराई, इसे न भाए सच्चाई, लोभ-लालच खाता है ये और प्रेम ह्रदय सड़ता है। मन का रावण......................... Iski Taqat Hai Burai, Ise Na Bhae Sachchai, Lobh-Lalach Khata Hai Ye Aur Prem Hriday Sadta Hai. अधर्म-हिंसा हत्यार इसके, गुस्सा है परम सिपाही, जो इनको स्वीकार करे वो हरदम भड़कता है। मन का रावण.......................... Adharm-Hinsa Hatyaar Iske, Gussa Hai Param Sipahi, Jo Inko Swikaar Kare Wo Hardam Bhadakta Hai. आज इसको आग लगा दो, मन के अंदर से मिटा दो, पर्व दशहरे का आज यही तो हमसे कहता है। मन का रावण.......................... Aaj Isko Aag ...