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Saugandh Mujhe Is Mitti Ki Lyrics - PM Narendra Modi

Saugandh Mujhe Is Mitti Ki Lyrics - PM Narendra Modi संक्षिप्त जानकारी - 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की' इस गीत के बोल फिल्म पी. एम. नरेंद्र मोदी से लिए गए है। गीतकार प्रसून जोशी के इस गीत को सुखविंदर सिंह और शशि सुमन ने गाया है। और संगीत शशि-ख़ुशी द्वारा दिया गया है। पी एम् नरेंद्र मोदी जी की शीर्ष भूमिका अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने साकार की है। सौगंध मुझे इस मिट्टी की गीत के बोल हिंदी में सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा ये देश नही मिटने दूँगा ये देश नही झुकने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा मैं देश नही मिटने दूँगा मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज़ चुकाओगे मेरा अंबर मुझसे पूछ रहा कब अपना धर्म निभाओगे मैने वचन दिया भारत माँ को वचन दिया भारत माँ को तेरा शीश नही झुकने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही मिटने दूँगा ये देश नही मिटने दूँगा ये देश नही झुकने दूँगा वो जीतने अँधेरे लाएँगे मैं उतने उजाले लाऊँगा वो जितनी रात बढ़ाएँगे मैं उतने सूरज उगाऊँगा इस छल फरेब की आँधी में छल फरेब की आँधी में ये दीप नही बुझने दूँगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश

हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे - नमो, मन की बात Jan2020

Mann Ki Baat - PM Shri Narendra Modi हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे - नमो, मन की बात Jan2020 “ साथियो, दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन, भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे . ‘ Can do’, ये ‘ Can do’ का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है  ” - पीएम श्री नरेन्द्र मोदी।   Mann Ki Baat -Jan2020

ट्रेन की यात्रा और याद रखने योग्य दो नाम

Inspiring Stories in Hindi   About Narendra Modi Add caption 1990 की घटना...  आसाम से दो सहेलियाँ रेलवे में भर्ती हेतु गुजरात रवाना हुई . देल्ही  स्टेशन पर गाडी बदलकर आगे का सफ़र उन्हें तय करना था लेकिन पहली गाड़ी में कुछ लड़को ने उनसे छेड़ - छाड़ की इस वजह से अगली गाड़ी में तो कम से कम सुखद  सफ़र   हो यह आशा मन में रखकर भगवान से प्रार्थना करते हुए दोनों सहेलियाँ स्टेशन पर उतर गयी और भागते हुए रिजरवेशन चार्ट तक  पहुंची  और चार्ट देखने लगी .  चार्ट देख दोनों परेशान और भयभीत हो गयी क्यों की उनका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं हो पाया था . मायूस और न चाहते हुए भी उन्होंने नज़दीक खड़े TC से गाड़ी में जगह देने के लिए विनती की TC ने भी गाड़ी आने पर कोशिश करने का आश्वासन दिया... एक दूसरे को शाश्वती देते दोनों गाड़ी का इंतज़ार करने लगी आख़िरकार गाड़ी आ गयी और दोनों जैसे तैसे कर गाड़ी में एक जगह बैठ गए... अब सामने देखा तो क्या!  सामने दो पुरूष बैठे थे . पिछले सफ़र में हुई बदसलूकी कैसे भूल जाती लेकिन अब वहा बैठने के अला