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बंद होंठों में छुपा लो Band Hoton Mein Chupa Lo | Kunwar Bechain

बंद होंठों में छुपा लो Band Hoton Mein Chupa Lo | Kunwar Bechain वरना रो पड़ोगे - कुँवर बेचैन बंद होंठों में छुपा लो ये हँसी के फूल वरना रो पड़ोगे। हैं हवा के पास अनगिन आरियाँ  कटखने तूफान की तैयारियाँ कर न देना आँधियों को रोकने की भूल वरना रो पड़ोगे। हर नदी पर अब प्रलय के खेल हैं हर लहर के ढंग भी बेमेल हैं फेंक मत देना नदी पर निज व्यथा की धूल वरना रो पड़ोगे। बंद होंठों में छुपा लो ये हँसी के फूल वरना रो पड़ोगे। - कुँवर बेचैन 🌺🌺🌺 Band Hothon Me Chhupa Lo Lyrics In English Love Poem - Varna Ro Padoge Band honThon men chhupaa lo Ye hansii ke fool Varna ro padoge. Hain havaa ke paas Angeen aariyaan katkhane Toofaan kii taiyyariyan Kar n dena aandhiyon ko Rokne ki bhool Varna ro padoge. Har nadi par Ab pralay ke khel hain Har lahar ke dhang bhii bemel hain Fenk mat denaa nadii par Nij vyatha ki dhool Varna ro padoge. Band hothon me chhupa lo Ye hansi ke fool Varna ro padoge. - Kunwar Bechain Read More Love Poems

Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee

Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee गीत नहीं गाता हूं के बोल हिंदी में बेनकाब चेहरे हैं दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं गीत नहीं गाता हूं ~~~ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं गीत नहीं गाता हूं~~~ पीठ मे छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं गीत नहीं गाता हूं~~~ - अटल बिहारी वाजपेयी हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा - अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया जलाएँ लिरिक्स  Geet Nahi Gata Hoon Lyrics In English Benakab chehare hain,  Daag bade gahare hain Tootata tilism aaj Sach se bhay khaata hoon Geet nahi gata hoon~~~ Lagi kuchh aisi nazar Bikhara sheeshe sa shahar Apano ke mele mein Meet nahin pata hoon Geet nahi gata hoon~~~ Pith me chhuri sa chand Rahu gaya rekha phand Mukti ke kshano mein Baar baar bandh jaata hoon Geet nahi gata hoon~~~  - Atal Bihari Vajpayee

Haar Nahi Manunga Rar Nahi Thanunga Lyrics - Atal Bihari Vajpayee

हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा - अटल बिहारी वाजपेयी गीत नया गाता हूं के बोल हिंदी में टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची में अरुणिम की रेख देख पता हूं गीत नया गाता हूं ~~~ टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी हार नहीं मानूंगा रार नहीं ठानूंगा काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं गीत नया गाता हूं ~~~ - अटल बिहारी वाजपेयी Geet Nahi Gata Hoon Lyrics - Atal Bihari Vajpayee आओ फिर से दिया जलाएँ लिरिक्स  Geet Naya Gata Hoon Lyrics In English Toote hue taaron se phute basanti swar Patthar ki chhati me oog aaya nav ankur Jhare sab pile paat koyal ki kuhuk raat Prachi mein arunim ki rekh dekh pata hoon Geet naya gata hoon ~~~ Toote hue sapnon ki kaun sune sisaki Antar ki cheer vyatha palakon par thithaki Haar nahi manunga rar nahi thanunga Kaal ke kapal pe likhata mitata hoon Geet naya gata hoon ~~~ - Atal Bihari Vajpayee

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics - Ramneek

राहत इंदौरी को उन्ही की भाषा में विनम्र जवाब - किसीके बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है के लिए --- राहत इंदौरी जी ने जो बातें छुपे तरीके से अपनी ग़ज़ल में किये है  उनको इससे अच्छा जवाब हो ही नहीं सकता। ...  आपकी क्या राय हैं कमेंट में जरूर बताये। ...   Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics - Ramneek किसीके बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है लिरिक्स  खफा होते है हो जाने दो, घर के मेहमान थोड़ी है जहाँ भर से लताड़े जा चुके है, इनका मान थोड़ी है ये कृष्ण-राम की धरती, सजदा करना ही होगा मेरा वतन ये मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़ी है मैं जानता हूँ, घर में बन चुके है सैकड़ों भेदी जो सिक्कों में बिक जाए वो मेरा ईमान थोड़ी है मेरे पुरखों ने सींचा है इसे लहू के कतरे कतरे से बहुत बांटा मगर अब बस, खैरात थोड़ी है जो रहजन थे उन्हें हाकिम बना कर उम्र भर पूजा मगर अब हम भी सच्चाई से अनजान थोड़ी है ? बहुत लूटा फिरंगी तो कभी बाबर के पूतों ने ये मेरा घर है मेरी जाँ, मुफ्त की सराय थोड़ी है आप (राहत इंदौरी) मेरे पसंदीदा शायर थे, होंगे पर मुल्क़ से बढ़कर थोड़ी हैं!!! वंदे मातरम... जय हिंद...! - रमणीक Kisi Ke Baap Ka Hindusta

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics – Rahat Indori

Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics – Rahat Indori किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है लिरिक्स इन हिंदी  अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है ये सब धुँआ है, कोई आसमान थोड़ी है लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द्द में यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है मैं जानता हूँ की दुश्मन भी कम नहीं... लेकिन हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है हमारे मुंह में तुम्हारी जुबां थोड़ी है जो आज साहिब-इ-मसनद है कल नहीं होंगे किराएदार है जाती मकान थोड़ी है सभी का खून है शामिल यहाँ की मिटटी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है - राहत इंदौरी ♦ ♦♦♦♦♦♦♦♦ Kisi Ke Baap Ka Hindustan Thodi Hain Lyrics in English Agar khilaaf hai hone do jaan thodi hain Ye sab dhua hai koi aasman thodi hain Lagegi aag to aayege ghar kai jad me Yaha pe sirf hamara makan thodi hain Hamare muh se jo nikle wahi sadaqat hain Hamare muh me tumhari zuban thodi hain Mai jaanta hu ke dushman bhi kam nahi lekin Hamari tarh hatheli pe jaan thodi hain Jo aaj sahib-e-masnand hai kal nahi hoge Kirayedaar hai jati makan thod

Ek Sawli Si Ladki Ek Bawli Si Ladki Lyrics Anjum Rahbar

एक सांवली सी लाडकी लिरिक्स हिंदी  एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी कच्ची  है उम्र जीस की कुच दिन से जान जीस की चाहत मे खो गइ है दीवानी हो  गइ  है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी क्या जाने ख्वाब किसका आँखों में है संभाले कुछ सोचती है शब भर मुँह पर लीहाफ डाले  घर वाले सोचते हैं जल्दी से सो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी सुध बुध नही है खुद की सुध बुध  नही है  घर की हर दिन बदल रही है कुरती नये कलर की बेरंग ओढ़नी भी   रंगीन हो गयी है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी ओ ध्यान ही ना देगी  क्या कह रही है टीचर इक नाम उंगलियों से लिखती रहेगी दिनभर कुछ भी न पढ सकेगी स्कूल तो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी खिडकी से झांकती है मां से नजर बचाकर बेचैन हो राही है क्यूँ घर की छत पे जाकर क्या ढूंढती जाने क्या चिज खो गइ है   एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी नानी से अब कहनी सुनती कभी नही है  गुड़ियों से, तितलियों से अब दोस्ती नहीं है नजुक कली भी अंजुम गुलनार हो गइ है एक सांवली सी लाडकी एक बावली सी लाडकी कवयित्री - अंजुम रहबर  🎵🎵🎵💞💞💞🎵🎵🎵 Ek Sawli Si Ladki Lyri

आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू लिरिक्स - विष्णु सक्सेना

Aao ek baar phir se tumhe dekh lu Lyrics in Hindi आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू लिरिक्स - विष्णु सक्सेना  आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू  आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू  क्या पता फिर ये दर्पण मिले ना मिले  पास आ तन की गंधो को दे दो मुझे  क्या पता फिर ये चन्दन मिले ना मिले  जब मिले तुम तो ऐसा लगा एक पल  सारी खुशिया जहाँ की हमें मिल गई  जाने कैसी हवा बह चली उस घडी  गिर के सुखी हुई सब कली खिल  गई   के छू के देखो जरा अनछुए फूल को  क्या पता फिर ये मधुबन मिले या ना मिले  आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू  पोछकर जिनको दामन भिगोती थी तुम  है तुम्हे मेरे उन आंसुओ की कसम  छाँव देकर के तुम ठापती थी जिन्हे  है तुम्हारे उन्ही गेसुओं की कसम  एक झूले पे दो हम चलो झूल ले  क्या पता फिर ये सावन मिले ना मिले   आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू मेरी बेहकी सी बाते अगर है तो फिर  भोले चहरे का रंग क्यों शराबी हुआ  ना ही बरसात है ना ही बरसात है  फिर ये चहरे का रंग क्यों गुलाबी हुआ  लांघना ना कभी  टेहरी प्यार में  चाहे मीरा को मोहन मिले ना मिले  आओ एक बार फिर से तुम्हे देख लू कवि  -  विष्णु सक्सेना  💝💝💝 💖 💖 💖

तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको लिरिक्स - विष्णु सक्सेना

तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको लिरिक्स - विष्णु सक्सेना तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको इससे पहले कि कोई और बहा ले मुझको आईना बन के गुज़ारी है ज़िंदगी मैंने टूट जाऊंगा बिखरने से बचा ले मुझको जब भी कहते हो आप हमसे कि अब चलते हैं हमारी आंख से आंसू नहीं संभलते हैं अब न कहना कि संग दिल कभी नहीं रोते जितने दरिया हैं पहाड़ों से ही निकलते हैं प्यास बुझ जाए तो शबनम ख़रीद सकता हूं ज़ख़्म मिल जाएं तो मरहम ख़रीद सकता हूं ये मानता हूं मैं दौलत नहीं कमा पाया मगर तुम्हारा हर एक ग़म ख़रीद सकता हूं सोचता था कि मैं तुम गिर के संभल जाओगे रौशनी बन के अंधेरों को  निगल जाओगे न तो मौसम थे न हालात न तारीख़ न दिन किसे पता थी कि तुम ऐसे बदल जाओगे  तू जो ख़्वाबों में भी आ जाए तो मेला कर दे  ग़म के मरुथल में भी बरसात का रेला कर दे  याद वो है ही नहीं आए जो तन्हाई में  तेरी याद आए तो मेले में अकेला कर दे  जो आज कर गयी घायल वो हवा कौन सी है जो दर्दे दिल करे सही वो दवा कौन सी है तुमने इस दिल को गिरफ़्तार आज कर तो लिया अब ज़रा ये तो बता दो दफ़ा कौन सी है कवि: विष्णु सक्सेन

खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें - शबीना अदीब

खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें Lyrics - शबीना अदीब खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें  गझल हिंदी   ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में अभी मोहब्बत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है अभी न आएगी नींद तुमको अभी न हमको सुकूं मिलेगा अभी तो धड़केगा दिल ज्यादा अभी ये चाहत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है बहार का आज पहला दिन है चलो चमन में टहल के आएं फ़ज़ां में खुशबू नयी नयी है गुलों पे रंगत रंगत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ा रखते हैं नरम अपना तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आके बैठे हैं पहली सफ़ में अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है बमों की बरसात हो रही है पुराने जांबाज़ सो रहे हैं गुलाम दुनिया को कर रहा वो जिसकी ताकत नई-नई है ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है

बुलाती है मगर जाने का नहीं – राहत इन्दौरी

Bulati Hai Magar Jaane Ka Nai Lyrics in Hindi बुलाती है मगर जाने का नहीं  – राहत इन्दौरी 👯👯👯  बुलाती है मगर जाने का नइ  👯👯👯  बुलाती है मगर जाने का नइ  ये दुनिया है इधर जाने का नइ  मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर  मगर हद से गुजर जाने का नइ  कुशादा ज़र्फ़ होना चाहिए  छलक जाने का भर जाने का नइ  सितारें नोच कर ले जाऊँगा  मैं खाली हाथ घर जाने का नइ  वबा फैली हुई है हर तरफ  अभी माहौल मर जाने का नइ  वो गर्दन नापता है नाप ले  मगर जालिम से डर जाने का नइ  – राहत इन्दौरी   बुलाती है मगर जाने का नहीं शायरी 💞💞💞  👯👯👯   💞💞💞 Bulati Hai Magar Jaane Ka Nai Lyrics in Hindi Bulati hai magar jaane ka nai  Ye duniya hai idhar jaane ka nai  Mere bete kisi se ishq kar  Magar had se gujar jaane ka nai  Kushaada zarf hona chahiye  Chhalak jaane ka bhar jaane ka Nai  Sitare noch kar le jaaunga  Mein khali haath ghar jaane waala nai  Waba faili hui hai har taraf  Abhi maahaul mar jaane ka nai  Wo gardan naapta hai, naap le  Magar zaalim se dar jaane ka nai  – Rahat Indori  ग़ज़ल / कविता  –  Bulati Hai Ma

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है - कुमार विश्वास

Koi Deewana Kehta Hai Lyrics in Hindi  कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है - कुमार विश्वास कोई दीवाना कहता है कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !! मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !! यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं ! जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !! समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता ! यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता !! मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ! जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता !! भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा! हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!! अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का! मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!! कवि  - डॉ. कुमार विश्वास कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है - कुमार विश्वास 💜💜💜 💜💜💜 Koi Deewana Kehta Hai Lyrics In English Koi deewana kehta hai, koi pagal samajhta