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Chingari Koi Bhadake Lyrics - Anand Bakshi - Kishor Kumar

Chingari Koi Bhadake Lyrics in Hindi Chingari Koi Bhadake Lyrics Hindi चिंगारी कोई भड़के लिरिक्स  हिंदी चिंगारी कोई भड़के~~~  चिंगारी कोई भड़के~~~ तो सावन उसे बुझाये सावन जो अगन लगाये~~~  उसे कौन बुझाये? हो~~  उसे कौन बुझाये पतझड़ जो बाग उजाड़े वो बाग़ बहार खिलाये जो बाग़ बहार में उजड़े उसे कौन खिलाये? हो~~ उसे कौन खिलाये~~  हमसे मत पूछो कैसे  मंदिर टुटा सपनों का~~  हमसे मत पूछो कैसे मंदिर टुटा सपनों का लोगों की बात नहीं है ये किस्सा है अपनों का कोई दुश्मन ठेस लगाये तो मीत जिया बहलाये मनमीत जो घांव लगाये उसे कौन मिटाये? ना जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते~~ ना जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते पीते हैं तो जिन्दा हैं ना पीते तो मर जाते दुनिया जो प्यासा रखे तो मदिरा प्यास बुझाये मदिरा जो प्यास लगाये उसे कौन बुझाये? हो~~ उसे कौन बुझाये माना तूफां के आगे नहीं चलता ज़ोर किसी का~ माना तूफां के आगे नहीं चलता ज़ोर किसी का मौजों का दोष नहीं है ये दोष है और किसी का मझधार में नैया डोले तो मांझी पार लगाये मांझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाये? हो~~ उसे कौन बचाये चिंगारी... hamhamhm गीतकार - आनंद बक्ष