कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये, तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये, अजब हालत हुए की दिल का सौदा हो गया, मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलम हो जाये, मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा, क्योंकि नहीं चाहता कोई मेरे लिए बदनाम हो जाये, उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो, जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाये |