दिल जब मचल जाये..
तो फिर क्या करें..
किसी की यादों में खोकर ..
क्यों एकांत में आहे भरें..
किस्से प्यार मोहब्बत के..
कहानियों नाविलो ही..
बहुत सुहाने अच्छे लगते हैं..
हम ये किस्से दिल सुनते हैं..
और मन लगाकर पढ़ते हैं..
प्यार जब हकीकत में हो जाये..
तो बहुत दर्द देता है..
कभी दिल टूटता है..
कभी मन बिखरता है..
ग़म में खुशी है कहीं ,तब ही तो..
मन मोहब्बत में रमता है..
जो ख्वाबों में आते थे, पल दो पल..
सामने उनके आते ही हकीकत में..
क्यों नजरे हम चुराते हैं उनसे..
क्यों हकीकत सच है ,विश्वास नहीं होता..
उनको हँसते हुये देखा था..
हमारा भ्रम था कि हंसी हमारे लिये थी..
वो तो उनका कोई ख्वाब उन्होंने..
हकीकत में सच होते देखा था..
ये प्यार मोहब्बतें क्यों..
एक साज़िश सी लगती है..
जैसे कोई जासूस मेरे दिल में पळता है..
क्या मिला तुम्हें मेरे दिल राज जानकर..
दिल की धडकनो की आवाज़ जानकर..
तेरे ही प्यार में यह दिल धडका था..
तेरी बेवफाई पर बहुत तड़फा था..
ना चाहते हुये भी तेरे ख्याल आते हैं..
दूरिया बनाना चाहता हूँ..
ख्वाब पास चले आते हैं..
जज़्बातों से मैं रोज लडता हूँ ..
तेरी सूरत सामने पाकर..
कमजोर पडता हूँ..
तेरा दगा देना और दूर चले जाना..
खूब मैं समझता हूँ..
जवानी में कदम रखते ही..
प्यार का सन्देशा आता है..
कोई अंजान दिल को बहुत भाता है..
रातों को करवटें बदलना..
और कम सोना किसी की यादों में खोना..
कभी खून से लिख कर..
दिल की बात बताना चाहता हूँ..
कभी ख्वाबों में तेरे करीब आता हूँ..
नहीं रहती मुझे कभी खुद की ख़बर..
मगर तुम्हारी हर बात बताता हूँ..
ईश्वर के सामने प्रार्थना करते हुए..
एक गुनाहगार नज़र आता हूँ..
क्यों मैंने ईश्वर से ना किया सच्चा प्यार..
क्यों परछाई की चाहत में हुया बर्बाद..
मदहोश सा मैं क्या बुदबुदाता हूँ..
बचपन से जवानी की यादों में जाता हूँ..
सोचता हूँ क्यों हुआ पैदा इस धरती पर..
क्यों ना हो सका आबाद इस धरती पर..
बचपन जवानी बुढ़ापा हुआ बर्बाद इस धरती पर..
खाक में मिल जाऊँगा एक दिन इस धरती पर..!!
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कविता की विवेचना: 
दास्तान/Dastaan कविता लेखक की इस दुनिया या  जीव लोक के बारे में परिकल्पना है. कि यह ज़ज्बात प्यार मोहब्बत क्यों बने. 
ईश्वर को ही मालूम कि उनकी मानव जाती के निर्माण और  मानव जाती में भावनाएं और प्यार भरने के पिछे क्या मूल कारण और उद्देश्य रहा होगा. 
मगर यह सत्य है कि मानव में भावनाएं हैं, जो मानव को बहुत आनंद भी देती हैं और कई बार अथाह दुख भी देती हैं. 
ईश्वर से प्यार तो बहुत अच्छा और आध्यात्मिक माना जाता है और 
इंसान का अपने परिवार से प्यार भाई बहन से प्यार माँ बाप से प्यार सामान्य और स्वाभाविक माना जाता है. 
मगर प्रेमी प्रेमिका का प्यार संशय की दृष्टि से देखा जाता है जब तक कि वो विवाह बंधन में बंध कर एक रिश्ता नहीं बन जाता. 
"दास्तान " कविता जज्बातों की कड़ीयों की एक कड़ी है जो एक इंसान की दास्तान बयान करती है और ईश्वर से अनुत्तरीत सवाल करती है कि उन्होंने मानव को क्यों बनाया और क्यों इतने सारे ज़ज्बात भरे. 
..इति..jpsb blog
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Author is a member of SWA Mumbai 
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