भुके जिस्मों में दो वक्त जब अन्न का दाना जाएगा,
बेरोज़गारी का धब्बा नौजवानों पर से जब मिट जाएगा,
आने वाला कल जब लेकर खुशहाली आयेगा।
बेरोज़गारी का धब्बा नौजवानों पर से जब मिट जाएगा,
आने वाला कल जब लेकर खुशहाली आयेगा।
हर घर तिरंगा लहराएगा।
Bhooke Jismon Mein Do Waqt Jab Ann Ka Dana Jayega,
Berozgari Ka Dhabba Naujawano Par Se Jab Mit Jayega,
Aane Wala Kal Jab Lekar Khushhali Aayega,
Har Ghar Tiranga Lehrayega.
डिपो से राशन उसका जब जायज़ हकदार ही लाएगा,
गरीब की सीट पर पैसे वाले का बच्चा पढ़ने ना जाएगा,
सरकारी अस्पातल से भी मरीज़ जब जिंदा वापस आएगा।
गरीब की सीट पर पैसे वाले का बच्चा पढ़ने ना जाएगा,
सरकारी अस्पातल से भी मरीज़ जब जिंदा वापस आएगा।
हर घर तिरंगा लहराएगा।
Gareeb Ki Seat Par Paise Wale Ka Bachcha Padne Na Jayega,
Sarkari Aspatal Se Bhi Mareez Jab Zinda Wapas Aayega,
Har Ghar Tiranga Lehrayega.
मंदिर, मस्जिद, गिरजे, गुरुद्वारों से बहार जब इंसान आएगा,
कोई धर्म नहीं, कोई जात नहीं जब वो हिंदुस्तानी कहलाएगा,
छूने से असव्च्छ नहीं, ना छूने से जब वो घर जाएगा।
हर घर तिरंगा लहराएगा।
Mandir, Masjid, Girje,Gurudwaron Se Bahar Jab Insan Aayega,
Koi Dharm Nahin, Koi Jaat Nahin Jab Woh Hindustani Kehlayega,
Choone Se Aswach Nahin, Na Choone Se Jab Woh Ghabraega,
Har Ghar Tiranga Lehrayega.
इतिहास को पढ़कर भी जब वो फ़क्र से सर उठाएगा,
सरकारों की नींदा करने से ना वो देशद्रोही कहलाएगा,
अंधभक्ति में किसी के पीछे यूं ही ना चलते जाएंगे।
अंधभक्ति में किसी के पीछे यूं ही ना चलते जाएंगे।
हर घर तिरंगा लहराएगा।
Itihas Ko Padhkar Bhi Jab Wo Fakr Se Sar Uthaega,
Sarkaron Ki Neenda Karne Se Na Wo Deshdrohi Kehlayega,
Andhbhakti Mein Kisi Ke Peeche Yun Hi Na Chalte Jayega,
Har Ghar Tiranga Lehrayega.
एक से 25, 25 से 50, 50 से 75 हुए और भी आगे बढ़ते जाएंगे,
विभिन्नता में एकता जब दिल से हर कोई अपनाएगा,
किसी के कहने से नहीं फिर खुद हर हिंदुस्तानी आगे आयेगा,
और हर घर तिरंगा लहराएगा।
विभिन्नता में एकता जब दिल से हर कोई अपनाएगा,
किसी के कहने से नहीं फिर खुद हर हिंदुस्तानी आगे आयेगा,
और हर घर तिरंगा लहराएगा।
Ek Se 25, 25 Se 50, 50 se 75 Hue Aur Bhi Aage Badhte Jayega,
Vibhinta Mein Ekta Jab Dil Se Har Koi Apnayega,
Kisi Ke Kehne Se Nahin Phir Khud Har Hindustani Aage Aayega,
Aur Har Ghar Tiranga Lehrayega.
धब्बा (Dhabba) - Spot ; जायज़ (Jayaz) - Legal ; असव्च्छ (Aswach) - Impure ; फ़क्र (Faqr) - Proud ; विभिन्नता (Vibhinnata) - Difference