(1)
उसकी याद का मरहम लगा लेना
दिल के दर्द को दवा बना लेना
बरसात में दिख जाये ग़र वो छाता लिये
कैसे भी करके तुम अपना छाता छुपा लेना
ख्वाब में ग़र वो धुंधली दिखे
सोई आँखों से चादर हटा लेना
जब कभी याद आये वो तन्हाई में
अपनी साँसों में उसको बसा लेना
उसका झुमका संजोए हो दिल में अगर
उसको धड़कन की घंटी बना लेना
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(2)
बिजली जैसे भी कड़कना पड़ता है
बादल बनके भी बरसना पड़ता है
जान से भी ज्यादा तुम्हें चाहे कोई
दिल बनकर उसका धड़कना पड़ता है
जुल्फ सुखाने आती है वो छज्जे पर
इस एक झलक पाने को तरसना पड़ता है
सुना है हमने उसको जुगनू पसंद है
जुगनू पकड़ने घर से निकलना पड़ता है
नया नया प्यार हुआ है पहली बार
दिल के साथ खुद भी मचलना पड़ता है
~Shailendra Kumar Mani
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