मेरे इश्क़ मेरे
दिल का करार हो तुम
वो जो होता है
पहला सा प्यार हो तुम
खिलती कली सी हो
महकी बयार हो तुम
तपती ज़मीं की ख़ातिर
पहली फुहार हो तुम
तेरी आँखों से नजर जो मिली
दिल पे चली जैसे मीठी छुरियां
मैं पतंग तू है डोर
ले जा चाहे जिस ओर
मुझमें रात का अंधेरा
तू है मोतियों सी भोर
साथिया... बेलिया...
ओ पिया.. ओ पिया...
मौजूदगी तेरी महफ़िल के जैसी
प्यासे को जैसे कोई दरिया मिले
भटका हुआ हो मंज़िल से राही
राही को जैसे कोई ज़रिया मिले
तू मिल गई है तो, सब मिल गया
था जो नहीं मेरा, अब मिल गया
मैं पतंग तू है डोर
ले जा चाहे जिस ओर
मुझमें रात का अंधेरा
तू है मोतियों सी भोर
साथिया... बेलिया...
ओ पिया.. ओ पिया...