1. ज़ज्बात के तालों से...
साथ में हैं हम वैसे तो कई सालों से
अजनबी हैं मगर आपसी ख़यालों से
कोई मुश्किल न थी बात करने में
बस थे मजबूर ज़ज्बात के तालों से
दोष दें खुद को या रूढ़ि रिवाजों को
खुद परेशान हैं जवाब इन सवालों से
अफवाहें जो उड़ी हैं वो सच से बहुत दूर है
दूर रहना शुरू कीजिए भड़काने वालों से
भरपूर रौशनी को मशाल चाहिए ए लोगों
Love poetry image
2. आये महक रूमाल सी तेरे...
गुज़रे दिनों की याद मुझे
अब रह रह कर तड़पाती है
अश्क मेरे खुब रोते हैं
जब याद तुम्हारी आती है
याद आये वो चमकता चेहरा
धूप मुझे जब नहलाती है
आये नजर माथे की बिंदिया
रात चाँद जब चमकाती है
आये महक रूमाल से तेरे
बंद कली जब खिल जाती है
भीड़ है जब तक साँस है चलती
तन्हाई में मुश्किल बढ़ जाती है
बिछड़ के भी जीता है ज़माना
धड़कन दिल को समझाती है
3. दिल के क़ातिल को...
छोड़कर जा रहा वो महफ़िल को
दे रहा है दर्द मेरे खुश दिल को
मै रास्ता हूँ वो मेरी मंज़िल है
कोई तो रोक ले मेरी मंज़िल को
उसके जाने से दिल ना धड़केगा
कोई समझाये दिल के क़ातिल को
एहसास होगा उसे कुछ ही दूर बाद
Love poetry image
~Shailendra Kumar Mani