HAPPY TEACHERS DAY
गुमनामी के अंधेरे में था,
पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे,
अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरु ने मुझे एक अच्छा,
इंसान बना दिया
{This is for My favourite Teacher's}
☺️🤩☺️
A short story on importance of teacher in our life एक नगर में एक सेठ रहता था। उसके कोई गुरु नहीं थे, उसने अपने नौकर से कहा बाहर जाकर ऐसे व्यक्ति को लाओ जो मेरा गुरु बन सके। नौकर गया और एक व्यक्ति को लाया वह चौर था। सेठ को पता नहीं था कि वह चोर है। सेठ ने उसे अपना गुरु बना लिया। कई साल तक चौर सेठ के घर में रहा। एक दिन सेठ सामान खरीदने के लिए बाहर गया।
वह अपने गुरु को साथ ले गया। रास्ते में एक नदी पडी। उस चोर ने सेठ से कहा कि गर्मी बहुत हैं नदी में स्नान कर लिया जाये। सेठ नदी में स्नान करने गया। वह किनारे पर अपना सारा सामान रख गया। चौर ने सेठ से कहा-आप नदी में आंख बंद करके डूंबकी लगाओ और जब तक मैं आपको आवाज ना दूं तब तक आप पानी से बाहर मत निकलना। सेठजी जैसे ही डूबकी लगाने लगे चोर सारा पैसा लेकर चंपत हो गया। काफी देर हो गई सेठ पानी में ही खडा रहा। भगवान चोर के पास गये और उससे कहा कि सेठ ने तुम्हा रें उपर विश्वास किया और वह अभी भी पानी में खडा तुम्हारा इंतजार कर रहा है। चोर भगवान के साथ नदी पर आया। उसने सेठ को आवाज दी। सेठ अपने गुरु की बात सुनकर बाहर आया। भगवान ने सेठ को अपना असली रूप दिखया। सेठ अपने गुरु के पैरो में गिर गया उसने कहा।
गुरू गोंविद दोउ खडे कांके लागू पांय।
बलिहारी गुरू आप ही जो गोविंद दियो बताय।
हमें इससे यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें अपने गुरु की बुराई नहीं करनी चाहिए, उन पर सच्ची श्रद्धा रखनी चाहिए।