Shayari For MoM in Hindi For Whatsapp & Fb Status, Messages.
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Shayari For MoM |
Meri Maa Ke Liye Shayari
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Shayari For MoM |
आज लाखों रुपये बेकार हैं
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी
ऊपर जिसका अंत नहीं
उसे आसमां कहते हैं
इस जहाँ में जिसका
अंत नहीं उसे
माँ कहते हैं
Maa Ka Pyar 2 Lines
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Shayari For MoM |
पूछता है जब कोई मुझसे कि
दुनिया में मुहब्बत अब बची है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मैं
और याद आ जाती है “माँ”
Budhi Maa Ka Pyar
दवा असर ना करे
तो नजर उतारती है
माँ है जनाब
वो कहाँ हार मानती है
Maa Ki Muskan Shayari
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Shayari For MoM |
हजारों गम हों फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ तो मैं हर गम भूल जाता हूँ
भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ
अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती
जन्नत का हर लम्हा….दीदार किया था
गोद मे उठाकर जब माँ ने प्यार किया था
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Shayari For MoM |
आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आता है मुझे
रोटी खिलाने के लिए माँ मेरे पीछे भागती थी
हजारों गम हों फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ मैं हर गम भूल जाता हूँ
ना जाने क्या था “माँ” की उस “फूँक” में
हर “चोट” ठीक हो जाया करती थी
“माँ” की हल्की सी एक “चपत” ज़मीन को
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Shayari For MoM |
सारा “दर्द” ही “गायब” कर दिया करती थी
मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है
कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है
कुछ लोग कहते है जन्नत से खूबसूरत कुछ भी नहीं
शायद उन्होंने कभी अपनी माँ को खुल के
मुस्कुराते हुए नहीं देखा होगा
जो मांगू वो दे दिया कर
ऐ ज़िन्दगी
तू बस
मेरी माँ की तरह बन जा
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Shayari For MoM |
घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया
माँ तेरी ममता की छाँव में जाने कब बड़ा हो गया
सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है
तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले
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Shayari For MoM |
सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर
याद रखना कि बस माँ-बाप नहीं मिलते
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते
उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह
कि अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह
बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती
मेरी मां है सब कुछ जानती
वो दिन भर सबके लिए दौड़ती खटती है
जब से हुआ बीमार मेरे हिस्से का दर्द धोने लगी
उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और खुद रोने लगी
सबको खिलाया और खुद बिना खाए सोने लगी
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Shayari For MoM |
ऐसे तो उससे मोहब्बत में कमी होती है
माँ का एक दिन नहीं होता है सदी होती है
(यह शेर उन्होंने मदर्स डे के संदर्भ में कहा था)
उम्र भर खाली यूं ही मकान हमने रहने दिया,
तुम गए तो दूसरे को कभी यहां रहने ना दिया,
मैंने कल सब चाहतों की किताबे फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज पर लिखा मां रहने दिया।
कहीं भी चला जाऊं दिल बेचैन रहता है,
जब घर जाता हूं तो माँ के आंचल में ही सुकून मिलता है।
हर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका,
दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका।
काम से घर लौट कर आया तो सपने को क्या लाए,
बस एक मां ने पूछा बेटा कुछ खाया कि नहीं।
हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश देखा,
लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।
पैसो से सब कुछ मिलता है पर,
माँ जैसा प्यार कही नही मिलता।
कभी चाउमीन, कभी मैगी, कभी पीजा खाया लेकिन,
जब मां के हाथ की रोटी खायी तब ही पेट भर पाया।
माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमो में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
हजारो गम है जिन्दगी में,
फिर माँ मुस्कराती है,
तो हर गम भूल जाता हू।
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा!
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा!
माँ खुद भूखी होती है, मुझे खिलाती है,
खुद दुःखी होती है, मुझे चेन की नींद सुलाती है।
हर झुला झूल के देखा पर,
माँ के हाथ जैसा जादू कही नही देखा।
जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है,
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते है।
जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है।
भटकती हुई राहों की धूल था मैं
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।
पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,
बस इक औलाद के सितम से माँ टूट जाती है।
मां तो वो है जो अगर खुश होकर सर पर हाथ रख दे,
तो दुश्मन तो क्या काल भी घबरा जाए।
जब नींद नहीं आती,
तब मां की लोरी याद आती है।
मां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती है,
दिल की और जुबां की दोनों भाषा समझती है।
मां की दुआ को क्या नाम दूं,
उसका हाथ हो सर पर तो मुकद्दर जाग उठता है।
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें है कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।
बर्तन माज कर माँ चार बेटो को पाल लेती है,
लेकिन चार बेटो से माँ को दो वक्त की रोटी नही दी जाती।
खाली पड़ा था मकान मेरा,
जब माँ घर आयी तो घर बना।
उसकी डांट में भी प्यार नजर आता है,
माँ की याद में दुआ नजर आती है।
बिना हुनर के भी वो चार ओलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
तन्हाई क्या होती उस माँ से पूछो,
जिसका बेटा घर लोट कर नही आया।
रब से करू दुआ बार-बार
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।
माँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।