मेरी गलतियों की कुछ तो सजा दो |
मुझे जीने की तुम एक वजह दो |
तुमे जाना है,तो बेशक चले जाओ…
पर मेरी खता क्या है; बता दो |
वो चीखता रहा ......
कि तेरे बिन अधूरे हम |
सच बताना,...
क्या इतने बुरे हैं हम |
उसे पाने की जिद्द में खुद को खोता रहा |
सब पूछते रहे सबब उसकी बर्बादी की,
जुबाँ से कुछ न निकला, वो बस रोता रहा |
मेरे होने ना होने से क्या फर्क पड़ता है !
मुझे खोने ना खोने से क्या फर्क पड़ता है !
जिसे जाना है, वो जाएगा ही,......
फिर मेरे रोने ना रोने से क्या फर्क पड़ता है !
हम जो सोये तो सोते ही रहते ,कोई जगाने नहीं आता |
आजकल रूठने पर कोई मनाने नही आता |
ये मतलबी दुनिया है जनाब.....
यहाँ सब चंद दिनों के लिए आतें हैं ,
कोई उम्र भर साथ निभाने नहीं आता |
रोज रोज का झूठ का कहना न जाने कब सच हो जायेगा |
ये पागल सा शायर लड़का सच में एक दिन तुम्हारी जिन्दगी से दूर चला जाएगा |